8. अपने ग्राहक के दिलो-दिमाग पर छा जाएँ
विज्ञापन की दुनिया में इसे ‘मिक्स मीडिया’ या ‘मल्टी पॉइंट’ मार्केटिंग भी कहा जाता है जिसमें आप अपने संभावित ग्राहक को हर उस जगह पर अपने बिज़नेस के बारे में लगातार बताते रहते हैं, जहाँ भी उसके जाने की उम्मीद होती है। यदि वह बाज़ार में है तो होर्डिंग्स, पोस्टर आदि के माध्यम से, वह समाचार पत्र-पत्रिका पढ़ता हो तो वहाँ भी, इंटरनेट का उपयोग करता हो तो वहाँ भी, टीवी देखता हो, सिनेमा देखता हो तो वहाँ भी… यानी जहाँ भी वो जाए, जिस भी मीडियम के जरिए उस तक आपका संदेश दिया जा सके, पहुँचाएँ।
अब जाहिर है, सब जगह पहुँच पाना, हर मीडियम पर विज्ञापन देना तो संभव नहीं है, तो फिर एक ही ऐसा मीडियम चुनें जो आपको सबसे अच्छा ‘रिटर्न ऑफ इंवेस्टमेंट’ दे सकता हो, जिसकी ‘फोकस्ड ऑडियंस’ आपके लिए एकदम सही ‘टारगेट ऑडियंस’ साबित हो सकती हो। यानी जब आप अपने बिज़नेस की खासियत या अपने प्रोडक्ट्स के बारे में बता रहे हों, उस समय उसका मन लोकल समाचारों, अपराध समाचारों, राजनीति, खेलकूद समाचारों, गानों में या कॉमेडी में ना उलझा हुआ हो। बल्कि उसका ध्यान लेटेस्ट प्रोडक्ट्स की जानकारी में, बाज़ार में नया क्या है, शॉपिंग में, खरीददारी में ही हो तो बेहतर होगा।
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- विज्ञापन से आपको सेल चाहिए या अपना नाम?
- आपके संभावित ग्राहक की पसंद का मीडियम चुनें
- अपने ग्राहक से उसी के अंदाज़ में संवाद करें
- ऑडियंस की बड़ी सँख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर फोकस करें
- फोकस्ड ऑडियंस और फोकस्ड मीडियम
- विज्ञापन का खर्चा और उसकी वसूली
- अपने संदेश पर फोकस बनाए रखें
- अपने ग्राहक के दिलो-दिमाग पर छा जाएँ
- आपका विज्ञापन कहीं पानी का बुलबुला तो नहीं?
- नए-नए प्रयोग करके आप दूसरों से आगे रहिए
- मीडियम के साथ आपकी ऑडियंस की सहजता को महत्व दें
- सोशल मीडिया का सहारा बहुत जरूरी है
- मीडियम की विशेषताअों का पूरा-पूरा इस्तेमाल करें
- ग्लोबल सर्च इंजनों से आपके विज्ञापनों को कैसी मदद मिल सकती है?
- सोशल मीडिया मार्केटिंग खुद ही करने की गलती ना करें!