अपना पहला घर कैसे खरीदें

How to Buy your First Home

हम सबकी ज़िंदगी में अपनी कमाई से हासिल की जाने वाली सभी चीजों की सूची में ‘अपना घर’ बनाना सबसे बड़ा सपना होता है। जब आप ठीकठाक कमाने लगते हैं और एक ठीकठाक सी बचत बैंक में इकट्ठा हो जाती है तो एक घर लेने का विचार मन में आना स्वाभाविक है। परन्तु अपना घर खरीदना उतना आसान नहीं है जितना कि कोई और चीज खरीदना। आमतौर पर एक मध्यमवर्गीय परिवार में घर एक ही बार खरीदा जाता है इसलिए उन्हें इससे जुड़े झंझटों का कोई अनुभव भी नहीं होता और अक्सर चोट हो जाती है। इसी कारण से अपने पहले और शायद इकलौते घर को खरीदते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है वरना आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।

यहाँ कुछ जरूरी पहलू बताए गए हैं जिन्हें अपने लिए पहला घर खरीदते समय अवश्य ध्यान में रखें।

  1. आवश्यक हो तभी खरीदें
    घर लेने से पहले अच्छी तरह से विचार कर लें कि आपको घर क्यों लेना है, कितना बड़ा लेना है, और सबसे जरूरी बात- वास्तव में लेने की आवश्यकता है भी या नहीं। यदि आपका व्यावसाय या नोैकरी ऐसी है जिसके कारण आपका एक जगह पर कुछ महीनों या साल-दो साल से ज़यादा टिकना तय नहीं होता हो तो शायद घर खरीदने के बारे में दोबारा सोच लेना चाहिए। घर के दाम अागे चल कर बढ़ें या घटें, घर को खरीदने और बेचने में कागजात और कानूनी कार्रवाही में आपका खूब पैसा लगने वाला है, यह जरूर सोच लें।
  2. अपने बजट के अंदर ही रहें
    यदि आप घर लोन लेकर भी खरीद रहे हों तो भी आपको अपने घर की कीमत को अपने बजट के भीतर ही रखना होगा। लोन लेने के लिए 
    अधिकतम सीमा बैंक तो तय करते ही हैं आपको भी अपने अन्य खर्चों और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर ही अपने पैर पसारने चाहिए। मोटे से तौर पर गणना करने के लिए आप ऐसा मान सकते हैं कि किसी भी हालत में आपके घर का बजट आपकी वर्तमान वार्षिक आय की तीन गुना ना हो, वरना आप बाद में पैसों की तंगी महसूस कर सकते हैं।
  3. अपने बैंक के खाते ठीकठाक रखें
    यदि आप बैंक से लोन लेकर ही घर लेने वाले हैं तो कम से कम छ: महीने पहले से ही अपने अकाउंट्स अपटूडेट और दरुस्त रखें। अपने पिछले लोन आदि की क्लीन फाइलें भी तैयार रखें ताकि नए घर के लिए लोन लेने में बैंक की ओर से कोई अड़चन ना हो।
  4. घर की लोकेशन की जाँच कर लें
    शहर के जिस हिस्से में आप अपने सपनों का घर लेना चाहते हैं, उस जगह के आसपास की सुविधाओं आदि जैसे Location for your homeमेडिकल, स्कूल, शॉपिंग, पार्क, सड़कें, पानी-बिजली की पूछताछ कर लें। अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर आप जगह को चुनिए। आज थोड़ा सी अधिक कीमत देकर खरीदा गया यह घर, इन्हीं सब सुविधाओं के कारण आने वाले समय में कई गुना वैल्यू वाला हो जाएगा।
  5. किसी भरोसेमंद ब्रोकर की मदद लें
    घर ढूंढ़ना, कागज पत्रों की जाँच करना, सौदा तय करना, कानूनी लिखा-पढ़ी करवाना, Brokerदफ्तरों के चक्कर लगाना आदि जैसे काम पहली बार घर खरीदने वाले किसी भी इंसान को परेशान कर देते हैं। बेहतर होगा कि आप इन सब कामों में आपकी मदद करने के लिए किसी प्रतिष्ठित और भरोसेमंद ऐस्टेट एजेंट या ब्रोकर की सेवाऐं ले लें। हाँ, उसकी फीस को अपना घर खरीदने के बजट में जोड़ना ना भूलें।
  6. क्लीन रिकॉर्ड वाला घर चुनें
    यह आपका पहला घर हो या दूसरा या तीसरा, सबसे जरूरी है घर के कागजों की जाँच। इसके लिए आपके ब्रोकर को तो रजिस्ट्रार ऑफिस से सुनिश्चित करना ही चाहिए लेकिन आपको भी इस घर के बैकग्राउंड की पूछताछ कर लेनी चाहिए। ऐसा करने से आपको बाद में होने वाली समस्याओं की आशंका तो खत्म होगी ही, बैंक से लोन लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए आप बैंक से भी मदद ले सकते हैं क्योंकि बैंक भी अपनी तरफ से जाँच करके रखते हैं ताकि कहीं वे किसी विवादित प्रॉपर्टी पर कोई लोन न दे बैठें।
  7. घर का सही मूल्यांकन करें
    इसके लिए आपका ब्रोकर तो आपके हित में काम करेगा ही, आप भी अास-पड़ोस में पूछताछ करने में झिझकें नहीं। उस जगह की सुविधाओं और विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए वहाँ के सौदो-खरीददारी के चलन का पता करें। पिछले 4-6 महीनों में इसी इलाके में हुए सौदों के खरीददारों और बेचने वालों से मिलें। इस सारी मेहनत से यदि आप अपने घर की कीमत में 10 प्रतिशत भी बचा लेते हैं तो यह आपको जरूर करना चाहिए।
  8. घर की तकनीकी जाँच भी करें
    यदि आप 15-20 साल पुराना घर खरीदने जा रहे हैं तो आपको किसी प्रोफेशनल इंजीनियर से इस घर की हालत की जाँच करवा लेनी चाहिए। कहीं घर की दीवारें कमज़ोर तो नहीं हो गईं हैं, कहीं कोई बिजली-पानी की लीकेज या शॉर्ट सर्किट तो नहीं है, छत आदि की मरम्मत तो नहीं करवानी होगी आदि। इसकी फीस तथा मरम्मत के खर्चे को घर के बजट में ही जोड़कर चलें।
  9. लोन के लिए मोलभाव करें
    आमतौर पर लोग बैंक से लोन लेते हुए Home Loanयह मान कर चलते हैं कि यहाँ सबकुछ पहले से ही तय होता है और बैंक अपनी शर्तों पर अटल होते है, लेकिन ऐसा नहीं है। अनेक बैंकों में आपकी लोन लेने की योग्यता के बारे में भी बैंक रियायत दे सकता है, आपको बताई गई ब्याज दर में भी रियायत कर सकता है, लोन वापसी या अवधि से पहले लोन चुकाने की शर्तों में भी रियायत दे सकता है। आप अपने हिसाब से मुनासिब मोलभाव करें, एक ही नहीं बल्कि 2-4 अन्य बैंकों से बात करें, आपको मनचाही डील मिल सकती है।
  10. लोन के लिए बैंक के विकल्प
    सरकारी/राष्ट्रीकृत और प्राइवेट बैंकों के नियम, उनकी पेचीदगियाँ और कार्यप्रणाली सब भिन्न होती हैं। एक बैंक में कुछ सुविधाजनक होगा तो कुछ और जटिल होगा। दूसरे बैंक में कुछ और पेचीदगी होगी तो तीसरे में कुछ और समस्या। इसके विकल्प के लिए आप अपनी कंपनी से भी आर्थिक सहायता की पूछताछ कर सकते हैं क्योंकि कई कंपनियों में उनके कर्मचारियों के लिए इस प्रकार के लोन का प्रावधान होता है। या फिर आप बाज़ार में किसी निजी लोन देने वाले व्यक्ति या सहकारी संस्था से भी लोन ले सकते हैं, परन्तु ऐसी स्थिति में लोन के कागजात भली-भाँति पढ़कर, उसमें लिखी हर शर्त को समझ लें, तभी आगे बढ़ें। 
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