अपना पहला एयर कंडीशनर कैसे खरीदें

How to buy your first Air Conditioner

(इस लेख को जून 2015 में लिखा गया और आखिरी बार मई 2022 में अपडेट किया गया है)

गर्मी बढ़ने के साथ ही हम सब अपने-अपने हिसाब से इसके उपाय करने में जुट जाते हैं। पंखे, कूलर आदि के असफल हो जाने की स्थिति में महँगा होने के बावजूद भी एयर कंडीशनर ही एकमात्र उपाय रह जाता है। अब जब आप अपने लिए एक एसी लेने जा ही रहे हैं, तो इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपने लिए एक सही एसी खरीद सकते हैं।

  1. स्प्लिट एसी या विंडो एसी: मोटे तौर पर घरेलू उपयोग के एसी दो प्रकार के होते हैं- स्प्लिट एसी और विंडो एसी। दोनों ही किस्मों के एसी के अपने फायदे भी हैं और उनकी कुछ कमियाँ भी हैं। आपको उनकी सही जानकारी हो तभी आप अपने लिए सबसे उपयुक्त एसी का चयन कर सकते हैं।

    स्प्लिट एसी
    :
    इस प्रकार के एसी दो हिस्सों में बँटे (स्प्लिट) हुए होते हैं। एक हिस्सा जो कम्प्रेसर वाला होता है, शोर करता है और साथ ही गर्मी उत्सर्जित करता है, Split ACइसे घर के बाहर इंस्टॉल किया जाता है। दूसरा हिस्सा, ठंडी हवा को कमरे में फैलाने वाला हिस्सा, जो कि एकदम शांत होता है, देखने में आपके कमरे की सजावट के साथ मेल खाता है, इसे कमरे में किसी भी सुविधाजनक जगह पर आसानी से लगाया जा सकता है। और तो और, एक आउटडोर कम्प्रेसर युनिट के साथ आप एक बड़े कमरे के लिए दो इनडोर कूलिंग युनिट्स भी लगा सकते हैं। इनकी विशेषताएँ-

    – स्थानान्तरण में कठिनाई
    – इंस्टॉलेशन महँगा लेकिन बिजली की खपत कम करता है
    – विंडो एसी की तुलना में बहुत कम आवाज़

    – बड़े कमरे और हॉल के लिए उपयुक्त

    विंडो एसी: आमतौर पर घरों कि खिड़कियों से बाहर लटके दिखाई देने वाले एसी जो कि स्प्लिट एसी की तुलना में सस्ते होते हैं। WIndow ACएक ही बॉडी में इसमें कम्प्रेसर होता है जिसे खिड़की से बाहर कि ओर रखा जाता है ताकि उससे निकलने वाली गर्मी और शोर कमरे से बाहर ही रहे। इसके अगले हिस्से में ठंडी हवा फेंकने का ब्लोअर लगा होता है जिसे कमरे के अंदर की तरफ रखा जाता है। चूँकि ये एसी 2 टन से अधिक क्षमता वाले नहीं होते, इसलिए एक सामान्य आकार के कमरे के लिए ये उपयुक्त हैं लेकिन बड़े कमरों और ऑफिसों आदि के लिए ये उचित नहीं है। इनकी विशेषताएँ-
    – स्थानान्तरण में आसानी
    – इंस्टॉलेशन में आसानी
    – इंस्टॉलेशन में सस्ता
    – एक छोटे कमरे के लिए उपयुक्त

    इनके अतिरिक्त, सेंट्रल एसी आमतौर पर होटलों आदि में, बड़े सभागारों में, रेस्तराओं में, रिसेप्शन एरिया में, मॉल आदि में लगाए जाते हैं, जिनका इंस्टॉलेशन भीतरी छत पर किया जाता है।

  2. कैपेसिटी: आपके कमरे के आकार पर निर्भर करता है कि आपको एसी कितने टन क्षमता वाला लेना चाहिए। कमरे के नाप और एसी के साइज़ में यदि सही तालमेल ना हो तो इसका असर कमरे की ठंडक और बिजली की खपत पर पड़ता है। 100 से 150 वर्ग फुट के क्षेत्रफल वाले कमरे के लिए 1 टन का, 150 से 200 वर्ग फुट के लिए 1.5 टन और 200 से 250 वर्ग फुट वाले कमरे के लिए 2 टन वाला एसी उचित रहेगा। ध्यान रखें कि आवश्यकता से कम क्षमता वाला एसी कमरे को पूरी तरह से ठंडा या तो नहीं कर सकेगा या फिर बहुत अधिक समय लेगा। ऐसे ही आवश्यकता से अधिक क्षमता वाला एसी कमरे को पूरी तरह से ठंडा बहुत जल्दी कर लेगा किंतु बिजली का व्यय अधिक होगा, इसलिए अपने कमरे के नाप के हिसाब से उपयुक्त क्षमता वाला एसी ही खरीदें। इनवर्टरयुक्त एसी यदि छोटा होगा तो वो बिजली बचाने का काम ढंग से नहीं कर सकेगा क्योंकि उसे हमेशा ही अधिकतम कैपेसिटी पर चलते रहना पड़ेगा।

     

  3. इनबिल्ट इनवर्टर: इनवर्टरयुक्त एसी नवीनतम टेक्नोलॉजी पर आधारित एसी हैं जो लगभग हर लिहाज से साधारण एसी से बेहतर हैं। ये बिजली की खपत तो कम करते ही हैं साथ ही शोर भी कम करते हैं। साधारण एसी कमरे के तापमान को स्थिर बनाए रखने के लिए बार-बार कम्प्रेसर को ऑन-ऑफ करते रहते हैं जिससे बिजली भी ज़्यादा खर्च होती है और शोर भी होता है जबकि इनवर्टरयुक्त एसी बिना कम्प्रेसर ऑफ किए ही तापमान नियंत्रित कर सकते हैं। हालाँकि नई टेक्नोलॉजी होने के कारण, ये एसी अभी थोड़े महँगे जरूर हैं, लेकिन अापका बजट इजाज़त दे तो यही एसी खरीदें। जब यह तकनीक भारत में बिल्कुल नई थी, तब इनमें लगे हुए PCB जल्दी ख़राब हो जाया करते थे जिन्हें बदलना बहुत महँगा पड़ता था। लेकिन अब समय के साथ तकनीक में भी सुधार हुआ है और कम्पनियों ने PCB की गुणवत्ता में भी सुधार किया है। आज कम्पनियां PCB के लिए अलग से वॉरंटी भी दिया करती हैं।

     

  4. ऐनर्जी ऐफिशिएंसी स्टार रेटिंग: एसी की कीमत नहीं परन्तु बिजली की खपत एक ऐसा फीचर है जो किसी भी व्यक्ति को एसी खरीदने के बारे में Energy Star Ratingदोबारा सोचने पर मजबूर करता है। परंतु समझदारी से एसी पसंद करके आप अपने बिजली के बिल में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी होने से रोक सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि एक जैसी कैपेसिटी के दो एसी एक जैसी ही खपत करें। यदि एक एसी की ऐनर्जी ऐफिशिएंसी स्टार रेटिंग दूसरे से ज़्यादा है और वह पहले वाले से 5000-7000 रुपए महँगा है तो आपको अपने मासिक और वार्षिक कन्सम्प्शन और अधिक ऐनर्जी ऐफिशिएंसी स्टार रेटिंग के कारण बिजली के बिल में होने वाली बचत को दखना होगा कि वह मूल्य के इस अंतर से कम बैठती है ज़्यादा या कितने समय में इस अधिक चुकाए गए मूल्य की भरपाई कर देगा।
    स्टार रेटिंग उस प्रोडक्ट की (सिर्फ) एनर्जी एफिशियेंसी के बारे में बताती है, इसलिए जाहिर है 5-स्टार रेटिंग वाला एसी 3-स्टार वाले एसी से बेहतर एनर्जी एफिशियेंट होगा। लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि 3-स्टार वाले एसी की बजाय 5-स्टार वाला एसी खरीदना ही बेहतर होगा। चूंकि 5-स्टार रेटिंग वाला एसी खरीदने के लिए आपको अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी जिसका लाभ आपको बाद में इसको उपयोग में लेते हुए बिजली की खपत में होगा। इसलिए यह डील आपके लिए फायदेमंद होगी या नहीं, यह आपके रोज़मर्रा के उपयोग पर और आपके प्रदेश में बिजली की कीमत पर भी निर्भर करेगा।

    मोटे तौर पर, यदि आप एक साल में 1600 घंटे से कम उपयोग में लेने वाले हैं तो आपके लिए 3-स्टार एसी ठीक रहेगा। यदि आपका उपयोग प्रतिवर्ष औसतन 1600 से लेकर 2000 घंटे का है तो आपको 4-स्टार वाला एसी लेना चाहिए यदि आप 2000 घंटे से ज़्यादा उपयोग करने वाले हैं तो आपको 5-स्टार वाला एसी लेना चाहिए। यदि आपका उपयोग प्रतिवर्ष 1000 घंटे से भी कम होने वाला है तो बिना इनवर्टर वाला एसी ले सकते हैं।

  5. वॉरण्टी: एक एसी की वॉरण्टी यदि समान फीचर्स वाले दूसरे एसी की तुलना में अधिक अवधि की है तो जाहिर है आपको वही एसी खरीदना चाहिए जिसकी वॉरण्टी अधिक है।
  6. अन्य आवश्यक बिन्दु: जिस कंपनी का एसी आप ले रहे हैं, उसके नजदीकी सर्विसिंग सेंटर की भी पूछताछ कर लें। कई कंपनियाँ अपने ग्राहकों को एक या दो ‘फ्री क्लीनिंग’ की ऑफर भी देती हैं, इसकी भी पूछताछ कर लें। यदि आप ऑफ-सीज़न खरीददारी कर रहे हैं तो कंपनियाँ अपनी सेल बढ़ाने के लिए कई डिस्काउंट्स भी देती हैं, उसके बारे में भी पता कर लें।किस ब्रांड की सर्विस सबसे बढ़िया है, यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आपको खुद ही अपने शहर में पूछताछ करके मिलेगा। क्योंकि किसी भी ब्रांड की सर्विस उसके सर्विस सेंटरों पर निर्भर करती है जो कि शहर दर शहर अलग हो सकती है। इसके लिए आप शहर के डीलर या उस ब्रांड के उपभोक्ताओं से पूछताछ कर सकते हैं।

    समय के साथ पुराने एसी में होने वाली मुख्य समस्याएं

    ठंडक की समस्या: पुराने एसी में यह बहुत आम समस्या है जो कि कमरे में कम ठंडक की भी हो सकती है और ठंडा करने में बहुत अधिक समय लगने की भी हो सकती है।
    कैपेसिटर की समस्या: इसकी यदि नियमित रूप से मरम्मत और देखभाल ना की जाए तो मोटर और पंखे में दिक्कत पैदा कर सकता है जिसकी मरम्मत आपको बहुत महँगी पड़ सकती है।
    रेफ्रिजरेंट का लीक हो जाना: कूलेंट या गैस का रिस जाना एसी की क्षमता को बुरी तरह से प्रबावित करता है। इस स्थिति में आपको किसी दक्ष तकनीशियन को ही दिखाना चाहिए।
    इवेपोरेटर कॉइल: समय के साथ इनमें कार्बन (जंग) लग जाता है जिससे बचने के लिए हर 3 साल में इसकी देखभाल करना आवश्यक है।
    कॉइल जाम: कंडेंसर कॉइल में समय के साथ धूल आदि जम जाती है जिसे साल में एक बार अवश्य धोकर साफ कर लेना चाहिए। बहुत चिपचिपी गंदगी को साफ करने के लिए दक्ष तकनिशियन को बुलाकर उससे कैमिकल द्वारा साफ करवाना चाहिए।

एयर कंडीशनर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य फीचर्स

 

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