6. विज्ञापन का खर्चा और उसकी वसूली
विज्ञापन में होने वाले खर्च और उसके रिटर्न का कोई सीधा-सीधा नाता नहीं है। हालाँकि इसका कोई दावा तो नहीं किया जा सकता, लेकिन विज्ञापन में होने वाला खर्चा और उसकी वसूली इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने संदेश को प्रति रुपए ज़्यादा से ज़्यादा भीड़ तक पहुँचा रहे हैं, या फिर एक छोटे समूह तक जो सारे के सारे खरीददारी की मंशा रखते हैं। एक ओर है ज़्यादा सँख्या वाली भीड़ वाला मीडियम जिसमें आपके बिज़नेस में रुचि रखने वाले सिर्फ 5 से 7 प्रतिशत लोग ही हैं, वहीं दूसरी वाले मीडियम में आपको प्रति संपर्क पैसा तो ज़्यादा प्रतीत होगा लेकिन देखा जाए तो यहाँ आपके इस निवेश की सार्थकता अधिक है, यहाँ आपके पैसे की वसूली होने की संभावना अधिक है। कई बार बहुत महँगा विज्ञापन भी बेअसर साबित होता है और वहीं दूसरी तरफ कौड़ियों के भाव में किया गया विज्ञापन भी तहलका मचा देता है।
>>आगे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें>>
इस लेख के किसी भी टॉपिक पर जाने के लिए नीचे दिए लिंक्स पर क्लिक करें:
- विज्ञापन से आपको सेल चाहिए या अपना नाम?
- आपके संभावित ग्राहक की पसंद का मीडियम चुनें
- अपने ग्राहक से उसी के अंदाज़ में संवाद करें
- ऑडियंस की बड़ी सँख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर फोकस करें
- फोकस्ड ऑडियंस और फोकस्ड मीडियम
- विज्ञापन का खर्चा और उसकी वसूली
- अपने संदेश पर फोकस बनाए रखें
- अपने ग्राहक के दिलो-दिमाग पर छा जाएँ
- आपका विज्ञापन कहीं पानी का बुलबुला तो नहीं?
- नए-नए प्रयोग करके आप दूसरों से आगे रहिए
- मीडियम के साथ आपकी ऑडियंस की सहजता को महत्व दें
- सोशल मीडिया का सहारा बहुत जरूरी है
- मीडियम की विशेषताअों का पूरा-पूरा इस्तेमाल करें
- ग्लोबल सर्च इंजनों से आपके विज्ञापनों को कैसी मदद मिल सकती है?
- सोशल मीडिया मार्केटिंग खुद ही करने की गलती ना करें!