1. विज्ञापन से आपको सेल चाहिए या अपना नाम?
सबसे बड़ी गलती जो एक व्यापारी से होती है वो यह कि वो खुद भी यह तय नहीं कर पाता कि उसे अपने इस विज्ञापन के ज़रिए अपनी सेल बढ़ानी है या फिर वह अपने ब्रांड को स्थापित करने के लिए विज्ञापन दे रहा है। दरअसल इन दोनों बातों में बहुत बड़ा अंतर है जो बड़े बिज़नेस वाले और बड़ी-बड़ी विज्ञापन एजेंसियाँ तो समझती हैं लेकिन छोटे स्तर के व्यापारी या दुकानदार नहीं समझ पाते और इसी वज़ह से उनके विज्ञापन पूरी तरह से बेकार होकर रह जाते हैं।
कुछ मीडिया वाले भी ऐसे दुकानदारों को उनके विज्ञापन के नाम पर सिर्फ उन दुकानदारों की फोटो या नाम आदि छापकर उन्हें बेवकूफ बना जाते हैं। ये दुकानदार यह भी नहीं समझ पाते कि विज्ञापन में उनके नाम या फोटो की बजाय उनके बिज़नेस के मुख्य फीचर्स, उत्पादों या उनकी सेवाअों का दिखाना ज़रूरी है। फिर बाद में यही लोग शिकायत करते दिखाई देते हैं कि विज्ञापनों का कोई लाभ नहीं होता, सिर्फ पैसा डूबता है। इसीलिए आपको बिल्कुल सही-सही पता होना चाहिए कि आप अपने विज्ञापन के माध्यम से अपने ग्राहकों से क्या कहना चाहते हैं, उन तक क्या संदेश पहुँचाना चाहते हैं।
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- विज्ञापन से आपको सेल चाहिए या अपना नाम?
- आपके संभावित ग्राहक की पसंद का मीडियम चुनें
- अपने ग्राहक से उसी के अंदाज़ में संवाद करें
- ऑडियंस की बड़ी सँख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर फोकस करें
- फोकस्ड ऑडियंस और फोकस्ड मीडियम
- विज्ञापन का खर्चा और उसकी वसूली
- अपने संदेश पर फोकस बनाए रखें
- अपने ग्राहक के दिलो-दिमाग पर छा जाएँ
- आपका विज्ञापन कहीं पानी का बुलबुला तो नहीं?
- नए-नए प्रयोग करके आप दूसरों से आगे रहिए
- मीडियम के साथ आपकी ऑडियंस की सहजता को महत्व दें
- सोशल मीडिया का सहारा बहुत जरूरी है
- मीडियम की विशेषताअों का पूरा-पूरा इस्तेमाल करें
- ग्लोबल सर्च इंजनों से आपके विज्ञापनों को कैसी मदद मिल सकती है?
- सोशल मीडिया मार्केटिंग खुद ही करने की गलती ना करें!