कई बार लोगों के साथ बातचीत करते हुए कुछ ऐसे शब्द सुनने में आ जाते हैं जो या तो आपने पहले सुने तक नहीं होते या जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं होती। ऐसे में आप सिर्फ बगलें झाँकते रह जाते हैं और बड़ी झेंप महसूस करते हैं। विशेषकर टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में जहाँ आए दिन कुछ ना कुछ नया हो रहा है, वहाँ नई पीढ़ी के बच्चे भी आपसे ज्यादा जानकार प्रतीत होते हैं, सिर्फ इसलिए कि वे कुछ ऐसे शब्द बोलते हैं जिनसे आप अनभिज्ञ हैं। आप बाज़ार में टीवी, मोबाइल, होम थिएटर, इंटरनेट कनेक्शन, टीवी सेट टॉप बॉक्स आदि कुछ भी लेने चले जाइए, दुकानदार आपको ऐसे ही भ्रमित करने वाले नए-नए शब्दों के जाल में उलझा कर रख देते हैं। सिर्फ इसलिए कि आप टैक्नोलॉजी के इन शब्दों को नहीं समझते हैं।
लेकिन इन्हें समझना कोई मुश्किल भी नहीं है, हम यहाँ आपको ऐसे ही प्रचलित और निकट भविष्य में आमतौर पर सुनाई देने वाले शब्दों को बहुत ही आसान भाषा में आपको बता रहे हैं ताकि आप एक स्मार्ट सिटिज़न की तरह स्मार्ट शॉपिंग करें। सिर्फ शॉपिंग ही नहीं बल्कि आप दूसरों को भी अपने ज्ञान से प्रभावित कर सकते हैं।
3D: आमतौर पर हम जो तस्वीरें देखते हैं, वे 2D तस्वीरें होती हैं क्योंकि उनमें दो ही आयाम होते हैं, लंबाई और चौड़ाई। तस्वीरों को और अधिक जीवंत एवं लुभावनी बनाने हेतु उनमें ‘गहराई का आभास’ भी जोड़ दिया जाता है। इसी तीसरे आयाम वाली तस्वीर को 3D तस्वीर कहते हैं।
4K: डिजिटल एडिटिंग के पिछले स्टेंडर्ड (2K: 2048 x 1080 = 22,11,840 पिक्सल) से भी चार गुना अधिक रेज़ॉल्यूशन, यानी और बेहतर क्वालिटी (4K: 4096 x 2160 = 88,47,360 पिक्सल) जिसमें 17:9 का आस्पेक्ट रेशो मिलता है.
जाहिर है, जितने अधिक पिक्सल, उतनी ही बेहतर तस्वीर। हाइ डेफिनेशन (HD: 1920 x 1080) के उन्नत स्टेंडर्ड (QHD: 3840 x 2160) यानि 16:9 वाले रेशोे से भ्रमित ना हों।
5G: जहाँ अभी भारत के कई शहरों में लोग 2G और 3G में ही उलझे हुए हैं, कुछ शहरों में कुछेक सर्विस प्रोवाइडरों ने 4G सेवाएं देना शुरू कर दिया है। और इसी के साथ विश्वस्तर पर 1Gbps की डेटा स्पीड वाले 5G नेटवर्क सेवा पर कार्य शुरू हो चुका है।
5K: हाइ डेफिनेशन वाली तस्वीरें 16:9 (3840 x 2160 पिक्सल) के आकार की होतीं हैं लेकिन सिनेमास्कोप तस्वीरों को बिना काटे दिखाने के लिए सुपर वाइड डिस्प्ले मॉनीटर बनाए गए हैं जिनमें 4K रेज़ॉल्यूशन के साथ-साथ मॉनीटर की लंबाई बढ़ाकर 21:9 (5120 x 2160 पिक्सल) किया जाता है।
8K: जाहिर है, 4K का दुगुना यानी आने वाले कल की जरूरत जिसके कारण आपका आज का खरीदा हुआ लेटेस्ट और एडवांस 4K टीवी भी पुराना हो जाएगा।
ऐक्सलेरोमीटर: आजकल कैमरे, स्मार्टफोन, टेब्लेट्स और गेमिंग डिवाइसेस आदि में प्रयुक्त होने वाला एक सेंसर जो उस डिवाइस के ओरिंएंटेशन और गति को भाँप सकता है।
अॉलप्ले: क्वालकॉम द्वारा निर्मित स्मार्ट मीडिया प्लेटफॉर्म जिस पर विभिन्न ऐक्सेसरीज़ आपस में वायरलेस कम्यूनिकेट कर सकें।
ऐमोलेड: (AMOLED- Active Matrix Organic Light Emitting Diode) आजकल मोबाइल में प्रयुक्त होने वाली स्क्रीन टेक्नोलॉजी जो कि अन्य स्क्रीनों की तुलना में कम पावर में काम करती है।
ऐण्ड्रायड टीवी: ऐण्ड्रॉयड पर आधारित स्मार्ट टीवी जो कि यूज़र को गूगल के प्ले स्टोर से ऐप्स आदि सीधे टीवी पर ही डाउनलोड कर काम में ले सकने की सुविधा देते हैं।
बिग डेटा: एक नाम जो बहुत बड़े आकार वाले और बहुत जटिल डेटा सेट के लिए काम में लिया जाता है जिसके लिए आमतौर पर काम में ली जाने वाली डेटा प्रोसेसिंग ऐप्लीकेशनें असक्षम रहती हैं। इस प्रकार के डेटा सेट के लिए उन्हें कैप्चर करने से लेकर, स्टोेर करने, सर्च करने, ट्रांसफर करने, शेयर करने, एनालिसिस करने, सिक्योर करने आदि जैसी बहुत सी चुनौतियाँ रहती हैं।
बिग लिटिल: एक चिपसेट में अलग-अलग कोर अलग-अलग तरह के काम करने के लिए रखे जाते हैं। इनका उद्देश्य प्रोसेसर को और बेहतर बनाना ही होता है और इसके लिए यह निर्धारित किया जाता है कि छोटे कोर छोटे या कम जटिल काम करें ताकि बड़े कोर इन कामों में बिना अपनी ऊर्जा व्यय किए बड़े काम करते रहें।
बेल्फी स्टिक: बिल्कुल सेल्फी स्टिक कै जैसी डिवाइस जो आजकल लोग अपने हिप्स की फोटो खींचने के लिए काम में ले रहे हैं। इसमें सेल्फी स्टिक की तरह हत्थे पर क्लिक बटन होता है और आगे मुड़ सकने वाली रॉड होती है।
क्लाउड कम्प्यूटिंग: इंटरनेट पर आधारित कम्प्यूटिंग जिसमें शेयर्ड रिसोर्सेज़ और डेटा आदि एक नेटवर्क में जुड़े हुए विभिन्न कम्प्यूटरों और अन्य डिवाइसों को उपलब्ध कराए जाते हैं।
कोडेक: यदि आप किसी डिजिटल फाइल को सही से पढ़ नहीं पा रहे या कोई वीडियो ढंग से नहीं देख पा रहे हैं तो इसका कारण गलत कोडेक हो सकता है जो कि कोडर-डिकोडर शब्द का संक्षिप्त रूप है। कोडेक एक ऐसा प्रोग्राम है जो कि सूचनाओं को कोड और डिकोड करता है।
कंटीन्यूअम: माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ 10 का एक फीचर – कंटीन्यूअम मोड जो कि 2-इन-1 या कनवर्टिबल डिवाइसों के साथ ही काम करता है। इसकी मदद से यूज़र आसानी से कीबोर्ड से टच मोड में आ-जा सकते हैं।
चैरी ट्रेल: टेब्लेट्स के लिए विशेषरूप से इंटैल द्वारा बनाए गए चिपसेट जो कि ब्रॉडवैल चिपसेट के साथ लगाए जाते हैं।
डिसरप्टिव इन्नोवेशन: ऐसे इन्नोवेशन जो बनाए तो जाते हैं बिजनेस को बेहतर बनाने और वैल्यू एडिशन के लिए किन्तु वे पुराने सिस्टम को, पुराने नेटवर्क को, पुराने धुरंधरों-साझेदारियों, बिजनेस मॉडल्स, केस स्टडीस आदि को विचलित, यहाँ तक कि कई बार तो उन्हें पूरी तरह से विस्थापित कर देते हैं।
ऐंटरप्राइज़ कंटेंट मेनेजमेंट: (ECM) का आशय किसी अॉर्गेनाइज़ेशन के सभी डॉक्यूमेंट्स, डेटा, इनफॉर्मेशन, कंटेंट, प्रोेसेस, वर्कफ्लो, डिजिटल ऐसेट्स, स्ट्रेटेजीस, टूल्स आदि के प्रबंधन से है।
जैस्चर टैक: एक नई तकनीक जिससे यूज़र चीजों को सिर्फ अपने इशारों से उन्हें नियंत्रित कर सकता है।
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एचडीआर: हाइ डायनेमिक रेंज कैमरों में तो पहले से ही प्रचलित है लेकिन अब यह तकनीक लेटेस्ट टीवी में भी आ रही है ताकि दर्शक टीवी में और भी बेहतर रंग देख सकें।
एचएफआर: हाइ फ्रेम रेट जो कि आजकल और भी तेज फ्रेम कैप्चर करते हुए वीडियो बनाने के लिए काम में ली जा रही है ताकि दर्शक सिनेमा देखते हुए और भी स्मूद ऐक्शन देख सकें।
एचडीएमआइ 2.0: हाइ डायनेमिक मल्टीमीडिया इंटरफेस 2.0 नवीनतम और HDMI 1.4 से तेज बैंडविड्थ वाला इंटरफेस है जो 4K वीडियो को 50 से 60 फ्रेम्स प्रति सेकंड की दर से ट्रांसमिट कर सकता है। HDMI 1.4 एक 4K वीडियो को 25 से 30 फ्रेम्स प्रति सेकंड की दर से ट्रांसमिट कर पाता है।
IoT – Internet of Things: जो भी उपकरण, गैजेट्स या वेयरेबल्स आदि इंटरनेट से जुड़ सकते हैं, संचालित हो सकते हैं, आपस में कम्यूनिकेट कर सकते हैं, सब इस एक शब्द में आ सकते हैं।
Nixie: यह एक वेयरेबल सेल्फी ड्रोन है जो कि अापकी कलाई पर पहना जाता है और हवा में उड़कर ऊँचाई से आपकी तस्वींरे खींचता है।
अॉक्टा-कोर: क्वाड-कोर के चार कोर के बजाय आठ कोर वाला प्रोसेसर जो कि आजकल सभी स्मार्टफोन के लिए जरूरी हो गया है। इससे ना केवल प्रोसेसिंग स्पीड बेहतर होती है बल्कि यह पावर को भी बेहतर ढंग से नियंत्रित करता है।
POLED (Plastic Organic Light Emitting Diode): एक लचीला OLED डिस्प्ले जो कि आज कई आकार वाली डिवाइसों में काम आ रहा है। Flexible OLED (FOLED) आजकल कई कर्व्ड स्क्रीन वाले स्मार्टफोनों में काम आ रहा है।
Qi: माइक्रोसॉफ्ट/नोकिया, LG, ब्लैकबैरी, सोनी, सैमसंग सहित अनेक फोन कंपनियों द्वारा काम में लिया जा रहा कॉमन वायरलैस चार्जिंग स्टेंडर्ड।
USB Type C: नवीनतम USB, जो ना केवल आपको डेटा को दोगुनी रफ्तार से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है बल्कि आपके लैपटॉप को चार्ज करने के लिए पर्याप्त पावर भी देता है।
VBR (Variable Bitrate): स्मूद स्ट्रीमिंग के लिए डेटा को परिवर्तनशील दर पर कम्प्रेस करने के लिए प्रचलित शब्द।