डिजिटल कैमरा खरीदते समय ध्यान रखने योग्य फीचर्स
- आकार: आजकल कॉम्पैक्ट कैमरे बहुत सहजता से आपकी जेब में रखने योग्य आकार में भी मिलते हैं। लेकिन आकार बहुत छोटा होने से उन्हें पकड़ने और काम में लेने में असुविधा भी रहती है, इस बात को ध्यान में रख कर ही कैमरे का आकार पसंद करें।
- रेज़ॉल्यूशन: सबसे ज़्यादा भ्रामक चीज जो अक्सर लोगों को गलत चुनाव करवा देती है। अधिकतर लोग यही सोचते हैं कि आपका कैमरा जितना ज़्यादा मेगा पिक्सल वाला हो, उतनी ही अच्छी आपकी फोटोग्राफी होगी, जो कि एक भ्रम है। ज़्यादा मेगा पिक्सल वाली इमेज में डिटेलिंग बेहतर होती है और उसे बड़े आकार में बिना किसी दिक्कत के प्रिंट किया जा सकता है। लेकिन ज़्यादा मेगा पिक्सल वाली तस्वीरों के साथ सटोरेज, ट्रांसफर स्पीड, मैमरी, फ्रेम्स पर सेकंड आदि कि समस्या भी जुड़ी रहती है। अभी आपके लिए 3-5 मेगा पिक्सल वाला कैमरा बेहतर रहेगा।
- ऑप्टिकल ज़ूम: इस फीचर की वज़ह से आप अपने सबजेक्ट के नज़दीक जाए बगैर ही क्लोज़अप फोटोे ले सकते हैं। अभी आपके लिए 5x तक ज़ूम वाला कैमरा पर्याप्त होगा।
- वाइड एंगल लेंस: लेंस की वाइड एंगल रेंज यह बताती है कि इसे कितना न्यूनतम फोकल लेंथ पर काम में लिया जा सकता है। कम वाइड एंगल लेंस वाले कैमरे ग्रुप फोटो और लैंडस्केप-सीनरी फोटो आदि के लिए बढ़िया रहते हैं। आपके लिए 25mm वाला कैमरा पर्याप्त होगा।
- स्क्रीन: फोटो लेते समय फ्रेम कॉम्पोज़ करने और फोटो को रिव्यू करने के लिए 3 इंच की एलसीडी स्क्रीन काफी है, हालाँकि आजकल इससे बड़ी, टच कमांड्स वाली और घूमने वाली स्क्रीन भी आती हैं लेकिन वो आपके लिए अभी अनावश्यक हैं।
- फंक्शन/फीचर: हर कैमरा कंपनी आज अपने कैमरों में ज़्यादा से ज़्यादा फीचर देकर अपने ग्राहकों की लगभग सभी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करती हैं। इसी कारण एक मॉडल दूसरे मॉडल से काफी ज़्यादा महँगा भी होता है। आपको ही अपनी जरूरतों के अनुसार फीचर चुनते हुए अपने लिए सबसे उपयुक्त कैमरा चुनना होगा। कहीं ऐसा ना हो कि आप कोई ऐसा मॉडल चुन लें जो किसी खास फीचर के कारण दूसरों से महँगा हो, जबकि वह फीचर आप कभी काम में नहीं लेने वाले हैं। या फिर, थोड़े से सस्ते के चक्कर में आप वह मॉडल ले बैठें जिसमें वह फीचर ही ना हो जिसकी आपको जरूरत पड़ती रहती है। वीडियो, प्रीसेट, मैनुअल कंट्रोल, बेसिक एडिटिंग आदि फीचर बहुत आम हैं और लगभग सभी कैमरों में मिल जाते हैं।
- मैमरी कार्ड: आपके फोटोग्राफ्स को स्टोर करके रखने के लिए कैमरे में अलग-अलग टाइप के और अलग-अलग कैपेसिटी वाले कार्ड लगाए जा सकते हैं। यदि आप जो कैमरा पसंद कर रहे हैं वह ज़्यादा मेगा पिक्सल वाला नहीं है तो आपके लिए 4 जीबी वाला कार्ड काफी है। यदि आप इसमें वििडयो भी रिकॉर्ड करना चाहते हैं तो, 8 जीबी काफी रहेगा।
- बैटरी: आपके कैमरे में फोटो लेने से पहले सबजेक्ट को फोकस में लेना, स्क्रीन को चालू रखना, ज़ूम इन-ज़ूम आउट करना, फोटो को एडिट करना आदि ऐसे काम हैं जिनमें बैटरी की आवश्यकता रहती है। इसलिए बैटरी की क्वालिटी पर ध्यान देना आवश्यक है। लििथयम आयन बैटरी ज़्यादा भरोसेमंद और अधिक कैपेसिटी वाली होती है पर AA बैटरी ऐसी है कि आपको कहीं भी, कभी भी मिल जाएगी।
- इनबिल्ट शेयरिंग: आजकल फोटो खींच कर उन्हें प्रिंट करवाने का चलन अब रहा नहीं, लोग फोटो शेयर जरूर करना चाहते हैं। इधर फोटो खींची और उधर व्हॉट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, पिनइट, ट्विटर पर अपने दोस्तों के साथ शेयर की। इसलिए आजकल कई कैमरों में ही इसकी सुविधा भी है कि वे वाइ-फाइ से जुड़कर हाथों-हाथ फोटो शेयर कर सकते हैं।
- मूल्य: हालाँकि ऊपर दिए गए सभी बिन्दु आज एक ठीकठाक से कैमरे में मिल ही जाते हैं लेकिन कंपनियाँ विभिन्न यूज़र वर्ग को ध्यान में रखते हुए, कैमरे की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए एकाध फीचर कम-ज़्यादा कर देते हैं या फिर कैमरे की कीमत तनिक बढ़ा देते हैं। बहरहाल, आपकी आवश्यकता के अनुसार आपको 10 हजार रुपए के अंदर ही यह सब करने मेें सक्षम कैमरा मिल जाएगा।
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