सबसे बढ़िया स्कूलबैग खरीदने के 10 चेक पॉइंट्स
बहुत छोटे बच्चों के लिए स्कूलबैग लेना कोई मुश्किल नहीं है, लेकिन एक नवीं-दसवीं कक्षा के बच्चे के लिए यह बड़ा पेचीदा काम है। लड़के हों या लड़कियाँ, इस उम्र तक आते-आते सब इतने होशियार हो जाते हैं कि उन्हें फैशन, ट्रेंड, ब्रांड, स्टाइल सब समझ आने लगता है। इस सब पर ध्यान रखते हुए वो स्कूलबैग खरीदते हुए उन पहलूओं को देखना भूल जाते हैं जो एक बढ़िया बैग में होना सबसे जरूरी हैं।
हम आपको बता रहे हैं वो 10 सबसे महत्वपूर्ण फीचर जो आपको कोई भी स्कूलबैग खरीदते समय जरूर चेक करने चाहिए, फिर चाहे आप बैग किसी लोकल कंपनी का ले रहे हों या किसी नामी ब्रांड का।
- किताबों-कॉपियों की पर्याप्त जगह
सबसे जरूरी तो यही है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उसमें पर्याप्त जगह हो ताकि आपकी सब किताबें/कॉपियाँ/रजिस्टर उसमें आ सकें। हो सके तो बड़े आकार वाली कुछ-एक किताब-रजिस्टर बैग खरीदने के लिए साथ लेकर जाएँ और बैग लेने से पहले उसमें इन्हें रख कर चेक कर लें। - अतिरिक्त कंपार्टमेंट
अंदर के हिस्से में अतिरिक्त कंपार्टमेंट होना बेहतर होता है जो कि आपको चीजों को व्यवस्थित ढंग से रखने में मदद करता है। अंदर अलग कंपार्टमेंट में आप बहुत छोटी या बहुत बड़ी किताबें या अन्य सामान रख सकते हैं। अंदर आपके पैसे और जरूरी सामान को सुरक्षित रखने के लिए ज़िप वाली पॉकेट सुविधाजनक रहती हैं। - छोटा-मोटा सामान रखने की सुविधा
पेन-पेंसिल पाउच, चाबी, चश्मा या छुट्टे पैसे आदि रखने के लिए वैल्क्रो वाले या ज़िप वाले पॉकेट्स हों तो ऐसे सामान रखने और जरूरत पड़ने पर तुरंत ही निकालने की सुविधा रहती है। - बैग का मैटेरियल
बैग के मैटेरियल की क्वालिटी ही उसकी उम्र तय करती है फिर चाहे वो नाइलॉन का हो या रेगज़ीन का या कैनवास का या पैराशूट क्लॉथ का। आपको मैटेरियल का चयन भी उसमें डलने वाली किताबों के बोझ को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। - सिलाई की क्वालिटी
सिलाई की गुणवत्ता बैग की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। कई बार मैटेरियल बढ़िया और मजबूत होने के बावजूद सिलाई खराब या सिलाई का धागा खराब होने के कारण थोड़ा सा वज़न डालते ही बैग के चिथड़े उधड़ने लग जाते हैं। उसकी जाँच के लिए बैग के अंदर की ओर से चेक करें और जोड़ को थोड़ा खींच कर देखें। - जलरोधकता
यह जरूर देख लें कि उसमें बरसात से बचने के लिए अंदर रेगज़ीन या पैराशूट कपड़ा लगा हो ताकि पानी अंदर घुसकर किताबों-कॉपियों को ना भिगो दे। यदि कोई बैग आपको बाकी सब लिहाज से पसंद आ रहा हो लेकिन उसमें पानी से बचाने की ऐसी कोई सुविधा नहीं हो तो आपको अलग से वॉटरप्रूफ कवर ले लेना चाहिए जो कि आजकल लगभग हर दुकान में आसानी से मिल जाता है। - डबल रनर वाले ज़िपर
ज़िपर किसी भी स्कूलबैग के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है जो आपके बैग की गुणवत्ता तय करता है। बैग लेने से पहले सारी ज़िप चेन अच्छी तरह से, कई बार चला कर देख लें। ज़िप में सबसे महत्वपूर्ण है उसका रनर (जिसके कुंदे से पकड़ कर हम इसे खोलते-बंद करते हैं)। बेहतर होगा कि ज़िप में दो रनर लगे हों जिससे एक के टूटने-फूटने पर कम-से-कम दूसरा तो काम आ सके। - शोल्डर स्ट्रैप्स
इसके स्ट्रैप्स में यदि उन्हें छोटा-बड़ा करने की सुविधा हो तो अच्छा है क्योंकि इस प्रकार आप बैग को अपने हिसाब से अपने कंधों और पीठ पर सही ऊँचाई पर टाँगने के लिए व्यवस्थित कर सकते हैं। देख लीजिए कि इन स्ट्रैप्स में सॉफ्ट कुशन भी लगे हों ताकि अधिक देर तक भी उठाने में बच्चे के कंधों पर रगड़ ना लगे। - साइड पॉकेट
बैग के साइड में कम से कम एक तरफ तो खुली और गहरी पॉकेट होनी ही चाहिए ताकि उसमें पानी की बोतल रखी जा सके। वरना पानी की बोतल बैग के मेन कंपार्टमेंट में किताबों आदि के साथ रखने से उनके भीगने की संभावना रहती है। - नीचे के हिस्से का बेस
बैग का निचला हिस्सा चौड़ा और सॉफ्ट रखने के लिए कुशन लगा हो तो उससे एक तो बैग को सीधा रखने के लिए स्थिरता मिलती है दूसरा अचानक बैग के गिरने से अंदर रखे सामान का भी बचाव हो जाता है।
(इस इंडस्ट्री की गहन रीसर्च के साथ-साथ शहर में स्कूलबैग्स और बैकपैक्स के अनेक विक्रेताओं से मिली जानकारी पर आधारित)