आपकी हॉबी – Pets
अपने नए-नवेले पिल्ले की देखभाल कैसे करें
कुत्तों के पिल्ले शायद दुनिया में सबसे प्यारे जीव हैं जिन्हें खेलते-दौड़ते-लुड़कते देखते हुए आप घंटों बिता सकते हैं। इन पिल्लों को आपके प्यार और देखभाल की सख्त जरूरत रहती है। और बदले में इनसे आपको भी ढेर सारा प्यार और एक भरोसेमंद साथ का एहसास मिलता है।
घर में नए सदस्य के आने से पहले तैयारी
इससे पहले कि आप अपने घर में कोई नया पिल्ला लेकर आएं, आपके लिए कुछ बेहद जरूरी बातें समझना और कुछ खास तैयारी रखना बहुत जरूरी है-
- जितनी संभव हो सके, कुत्तों की देखभाल, उनके पालन, खान-पान, आदतों, बिमारियों एवं इलाज से संबंधित जानकारी ले लें
- जानवरों के किसी अच्छे डॉक्टर और कुत्तों के ट्रेनर को संपर्क में रखें
- घर के जिस हिस्से को आप अपने पिल्ले का कोना बनाना चाहते हैं (जहाँ वह सबसे ज़्यादा समय बिताने वाला है), निर्धारित करके उसके लिए तैयार कर लें। उस कोने से टूटने-फूटने वाला हर सामान हटा लें, यदि कोई खतरनाक पदार्थ-द्रव जैसे फर्श धोने वाले तेज़ाब या मच्छर-कॉकरोच मारने की दवा आदि वहाँ से हटा लें
- जिसके पास से आप इस पिल्ले को अपने घर ला रहे हैं, इसकी खानपान की आदतों, पसंद आदि की जानकारी ले लें
- पुराने मालिक से इसकी परिचित चीजें जैसे खाने-पीने का इसका कटोरा, बेल्ट या हारनेस, खिलौने आदि भी ले लें
- पुराने मालिक से उन सभी शब्दों की सूची ले लें जो वे इसे निर्देश देने के लिए काम में लेते रहे हैं
- पुराने मालिक से इसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री और वैक्सीनेशन रिपोर्ट्स लेना ना भूलें (यदि पिल्ला अभी 45 दिनों का नहीं हुअा है तब तो उसका वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुअा होगा)
- अपने घर में इस नए सदस्य के आने के साथ ही जहाँ आप ढेर सारी खुशियों की अपेक्षा कर रहे हैं, आपको कुछ नई जिम्मेदारियों, खर्चों और अपनी लाइफस्टाइल में परिवर्तन के लिए भी तैयार रहना होगा
शुरुआती दिनों की विशेष देखभाल
जिस दिन आप अपने घर में, अपने परिवार के बीच में एक नया सदस्य एक नवजात पिल्ले के रूप में लेकर आते हैं, उसी दिन से उसकी विशेष देखभाल शुरू हो जाती है। शुरू के कुछ दिन तो पिल्ले के लिए आपके घर के नए वातावरण में एडजस्ट करने के लिए बहुत ही संवेदनशील होते हैं। उतने ही मुश्किल ये दिन आपके लिए भी होने वाले हैं। परंतु आप जल्दबाजी ना करें और बड़े संयम के साथ अपने परिवार के इस नए सदस्य का पालन करें। इसके लिए इन बिंदुओं को ध्यान में रखें तो आपको इसमें आशातीत परिणाम मिलेंगे-
- पहले दिन से ही आप उन शब्दों की सूची बना लें जो आप उसे निर्देश देने के लिए काम में लिया करेंगे। ये शब्द किसी भी भाषा- अँग्रेजी, हिन्दी या आपकी अपनी मातृभाषा में हो सकते हैं, बस यह ध्यान रखें कि ये निर्देश एक या दो शब्दों से अधिक लंबे ना हों
- इन शब्दों को बिना बदले, नियमित रूप से काम में लें, इससे पिल्ले को इन्हें समझने और याद रखने में मदद मिलेगी
- शुरू में जब भी पिल्ले को लेकर घर से बाहर घूमने निकलें, उसके बेल्ट या हारनेस पर अपना कॉनटैक्ट नंबर और पता अवश्य लिख कर रखें
- पहला-पहला दिन तो इस नवागंतुक पिल्ले के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है। नया वातावरण, नये लोग देखकर वह कुछ व्याकुल सा रहता है
- धीरे-धीरे करके घर के विभिन्न हिस्सों और बाकी सदस्यों से उसका परिचय कराएं
- विशेषरूप से बच्चों का ध्यान रखें कि वे उत्सुकतावश उसे घेर कर परेशान ना कर दें
- आस-पड़ोस के लोगों और बच्चों के बीच इसकी प्रदर्शनी ना लगाते रहें
- उसे अच्छे डॉक्टर के पास ले जाकर, इसकी पूरे वैक्सीनेशन और नियमित जाँच की योजना बना लें
- डॉक्टर से अच्छी तरह से इस प्रजाति की खुराक, पसंद-नापसंद, आदतों, आम बिमारियाँ, उनके लक्षण और प्राथमिक उपचार आदि को समझ लें
- यदि आप उसे उसकी माँ से अलग कर रहे हैं जिसका दूध वो अब तक पीता रहा है, तो उसकी डाइट में ऐसे विटामिन जरूर दें जिनसे उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े
- अपने पिल्ले के लिए हमेशा बढ़िया क्वालिटी की खाद्य सामग्री और दवाएं ही खरीदें
- घूमने-फिरने के लिए भी ये गले की बेल्ट की बजाय हारनेस में अधिक सुकून महसूस करते हैं जो आप किसी भी वेट शॉप से खरीद सकते हैं
बेशक आप इसे अपने तरीके और अपने डॉक्टर एवं ट्रेनर की सलाह से ही पालना चाहेंगे लेकिन शुरुआत के कुछ दिनों में इसे इसके पुराने घर और पुरानी खाने-पीने की आदतों के हिसाब से ही पालना चाहिए ताकि उसे इस नए वातावरण में एडजस्ट होने में सहायता और समय मिल सके।
पुरानी आदतें बदलें, नई आदतें डालें
जब भी आप घर पर हों, इसके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। उसकी गतिविधियों पर नज़र रखें और उसकी अच्छी हरकतों को बढ़ावा देने के लिए उसे थपथपाएं, प्यार दें और गलत हरकत के लिए उससे नाराज़गी दिखाएं, ऊँची आवाज़ में डाँट लगाएं – जानवर इस रवैये को भली-भाँति समझते हैं और भविष्य के लिए याद भी रखते हैं। परन्तु इसे रातोंरात सबकुछ सिखा देने की जल्दबाजी ना करें, धीरज से काम लें। एक छोटे बच्चे की तरह से, विशेष रूप से इसकी शौचादि की आदतों को डालने-सुधारने में आपको बहुत सब्र से काम लेना होगा। उसके लिए इन बिन्दुओं को आज़माएं-
- सुबह उठकर नियमित रूप से इसे शौच के लिए बाहर लेकर जाएं
- रात को सोने से पहले भी इसे शौच के लिए बाहर लेकर जाएं
- इसे हर दो घंटे में एक बार बाहर अवश्य ले जाएं
- जब भी यह ज़्यादा खा ले या पी ले, तब इसे बाहर लेकर जाएं
- जब भी पिल्ला अपनी नींद से जागे, तब इसे बाहर लेकर जाएं
- जब भी यह खूब देर तक खेल के थक गया हो, इसे बाहर लेकर जाएं
ध्यान रखिए, यह बेजुबान अब आपके परिवार का एक सदस्य, एक हिस्सा है जो एक नवजात िशशु की तरह आपके प्यार और देखभाल का मोहताज है।