लिनन का चलन
आखिर ऐसा क्या है असली लिनन में जो इसे इतना लोकप्रिय और महँगा बनाता है? क्यों यह गर्मियों में सबसे ज़्यादा पहना जाता है? क्यों इसका फैशन बार-बार आता रहता है?
कपड़ों के फैशन के बारे में कहा जाता है कि इसमें लेटेस्ट कुछ नहीं होता, सब कुछ पुराना लौट-लौट कर आता रहता है। जिसे आज की पीढ़ी लेटेस्ट के नाम पर पहने इतराती-इठलाती घूम रही है, बहुत संभव है कि वही चीज़, वही मैटेरियल, वही स्टाइल, कलर आदि आपके दादा-नानी ने पहने हों और आपके माता-पिता ने वही चीज़ ओल्ड फैशन करार दे कर कुछ ‘नया’ पहनना शुरू कर दिया हो। आैर अब अापके सामने ‘नए’ और लेटेस्ट के नाम पर वही दादा-नानी के ज़माने की चीज़ शायद कुछ नए अंदाज़ में आपको पहनाई जा रही हो।
आज की ‘रफ’, ‘कूल’ और ‘रिंकल फ्री’ लिनन भी कोई नई चीज़ नहीं है, बस लौट-लौट कर आती रहती है। कभी डिज़ाइनर लिनन फैब्रिक के साथ नए-नए प्रयोग करके फिर से चलन में ले आते हैं, तो कभी मौसम। गर्मियाँ अभी शुरू ही हुई हैं और सब रेडीमेड स्टोर्स और ड्रेस मैटेरियल शॉप्स पर लिनन और कॉटन एकदम अग्रिम पंक्ति में नज़र आने लगा है। ना केवल जेण्ट्स शर्ट्स, पेंट्स और लेडीस कुर्ते बल्कि लिनन से बने बेड कवर, पिलो कवर, कुशन कवर, परदे, नेपकिन आदि भी खूब माँग में हैं।
डिमाण्ड और धोखा
असली लिनन फ्लैक्स प्लाँट के रेशे से बनता है जो बहुत उत्तम क्वालिटी का नैचुरल फाइबर माना जाता है। इससे बने कपड़े की कीमत कुछ 600-900 रुपए प्रति गज है। इसकी कीमत और जबरदस्त सीज़नल डिमाण्ड को देखते हुए कुछ कपड़ा मिलें, ‘लिनन लुक लाइक’ कपड़ा तैयार करके बाज़ार में उतार देती हैं जो देखने में बिल्कुल लिनन जैसा ही दिखता है लेकिन असली लिनन की तुलना में काफी सस्ता होता है। यह 55% लिनन और 45% रेयॉन वाला ‘लुक लाइक’ कपड़ा आपको 150 रुपए से लेकर असली लिनन के दाम तक में (जैसा दाँव लगे) मिल सकता है और जाहिर है इस कपड़े से बनी शर्ट या कुर्ते में असली लिनन वाले लक्षण नहीं होंगे।
तो, अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप कम दाम देकर रोज़मर्रा की ड्रेस या कैज़ुअल वियर सिला कर इन गर्मियों में ‘कूल’ बने रहना चाहते हैं या असली लिनन के दाम देकर, असली लिनन के फॉर्मल और ओकेसनल वियर सिला कर एक रौबदार छवि बनाना चाहते हैं। मुद्दा यह है कि आपको पता होना चाहिए कि आप क्या खरीद रहे हैं और उसके लिए कितना दाम चुका रहे हैं।
सफर आदि में रहने वाले लोगों के लिए तो लिनन जैसे एक वरदान है, बस कपड़े अपने सूटकेस या बैग में ठूँस लें और निकल जाएं सफर पर, बिना कपड़ों की सलवटों और आयरन आदि की परवाह किए!
लिनन की खासियत
दरअसल, असली लिनन बहुत ही कम देखभाल वाला कपड़ा है और इसलिए इससे बने कपड़े बिना किसी विशेष देखभाल के सालों-साल निकाल देते हैं। बहुत कम देखभाल से भी लिनन से बने कपड़े कई धुलाई के बाद भी एकदम नए और वही नैचुरल खूबसूरती लिए बने रहते हैं। यह कपड़ा एक बेहद उत्तम और मजबूत फाइबर से बनता है जिसको आप जितना धोएंगे, यह उतना ही मुलायम और खिला-खिला लगता है। हालाँकि लिनन के कपड़े आयरन करके पहनने से एक अच्छा फॉर्मल लुक आता है लेकिन बिना आयरन किए पहनना भी अच्छा-खासा चलन में है जो आपको एक कैज़ुअल और केयरफ्री छवि देता है।
असली लिनन के रेशे पसीने को तुरंत ही कपड़ों के दूसरी तरफ पहुँचा देते हैं जिससे हल्की सी हवा लगने पर एक ठंडक का एहसास होता है। इसलिए गर्मियाँ आते ही अजमेर और राजस्थान के जैसे सूखी गर्मी वाले इलाकों में लिनन के कपड़े फिर से चलन में आ जाना स्वभाविक ही है।